रुख्सार
ज़ीनत ने रुख्सार से पूछा -
आज परवाने का ख़त ना आया
सुनते ही ये, रुख्सार का दिल कप कपाया
रुख्सार दौड़कर खिड़की के पास गयी
और परवाने की राह तकने लगी
चाँद की रौशनी में, नीले आकाश में,
तारे चहक रहे थे
ज़मीं के सन्नाटे में, वह चहककर
रुख्सार से यह कह रहे थे -
परवाने का भरोसा ना करना रुख्सार
परवाना तुम्हारे प्यार के काबिल नहीं
परवाना आशिक नहीं -
परवाना तो बस एक भँवरा है
जिसे प्यार आधा ही पता हैं
रुख्सार की बढती बेचैनी देखकर
ज़ीनत मुस्कुराई
कहा उसने -
नज़र आता है प्यार प्रेमी के आँखों में
सच्चा रूह में समां जाता है
झूठा -
जिस्म पर घिनोनी खुशबू
बनकर रह जाता है
परवाना सच्चा है या झूठा
यह तो वक़्त ही बताएगा
................
.......to be continued.
---- अजिंक्य
ज़ीनत ने रुख्सार से पूछा -
आज परवाने का ख़त ना आया
सुनते ही ये, रुख्सार का दिल कप कपाया
रुख्सार दौड़कर खिड़की के पास गयी
और परवाने की राह तकने लगी
चाँद की रौशनी में, नीले आकाश में,
तारे चहक रहे थे
ज़मीं के सन्नाटे में, वह चहककर
रुख्सार से यह कह रहे थे -
परवाने का भरोसा ना करना रुख्सार
परवाना तुम्हारे प्यार के काबिल नहीं
परवाना आशिक नहीं -
परवाना तो बस एक भँवरा है
जिसे प्यार आधा ही पता हैं
रुख्सार की बढती बेचैनी देखकर
ज़ीनत मुस्कुराई
कहा उसने -
नज़र आता है प्यार प्रेमी के आँखों में
सच्चा रूह में समां जाता है
झूठा -
जिस्म पर घिनोनी खुशबू
बनकर रह जाता है
परवाना सच्चा है या झूठा
यह तो वक़्त ही बताएगा
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.......to be continued.
---- अजिंक्य