पुकार
यह कैसी उलझन है
यह कैसी परेशानी
है यह एक अकेलापन
है यह मेरी कहानी
इस ख़ाली ज़िन्दगी में
ख़ुशी भर दो तुम
अपना प्यार देके
मुझसे प्यार ले लो तुम
उन् नज़रों की
दिल को है प्यास
उन् हाथों को
थामने की
इस आत्मा को
है आस
बता भी दो,
तुम आओगे कब ?
जीके मर रहा हू
या मरके जी रहा हू,
...यह पता नहीं अब!
- अजिंक्य
यह कैसी उलझन है
यह कैसी परेशानी
है यह एक अकेलापन
है यह मेरी कहानी
इस ख़ाली ज़िन्दगी में
ख़ुशी भर दो तुम
अपना प्यार देके
मुझसे प्यार ले लो तुम
उन् नज़रों की
दिल को है प्यास
उन् हाथों को
थामने की
इस आत्मा को
है आस
बता भी दो,
तुम आओगे कब ?
जीके मर रहा हू
या मरके जी रहा हू,
...यह पता नहीं अब!
- अजिंक्य
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