Sunday, June 24, 2012

Pyaasi Pyaasi Preet Ki Leherein....

प्यासी प्यासी प्रीत की लहेरे
गुन गुनाते भवरे 
मुझे कलम चूमने दो 
इस मखमली सागर के बीच 
नर्मदिल कश्ती से मुझे 
साहिल चूमने दो 
यह शाम के इस गुलाबी रंग में 
समां जाने को मन कर रहा हैं  
तुम्हारे इस गुलाबी रंग में 
फ़ना हो जाने को मेरा 
दिल कर रहा हैं